नगरपरिषद चुनाव: सोशल मीडिया के जरिये हो रही वोट अपील
राजसमंद . ।
नगरपरिषद चुनाव में सभापति व पार्षद के लिए भाग्य आजमा रहे भाजपा, कांगे्रस व निर्दलीय प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया के जरिये वोट की अपील कर रहे हैं। आचार संहिता में खर्च की सीमा तय होने से पार्षद पद के संभावित दावेदार सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए अब तक प्रशासन के पास भी ठोस तकनीक व व्यवस्था नहीं है। नगरपरिषद चुनाव के तहत 24 जनवरी को मतदान होगा।
इसे तहत 17 वार्डों में भाजपा कांगे्रस के प्रत्याशियों का सीधा मुकाबला है, जबकि 13 वार्डों में निर्दलीय के साथ त्रिकोणीय मुकाबले हैं। इसको लेकर भाजपा, कांगे्रस के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी फेसबुक, ट्वीटर पर एकाउंट बनाकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अपने वार्डों में खुद का प्रचार करने वाले प्रत्याशियों ने फोटो के साथ अपील की है, तो कई लोग विज्ञापन डिजाइन कर वाट्सएप व फेसबुक, ट्वीटर पर डाल रहे हैं।
फेसबुक का भी सहारा
फेसबुक पर प्रचार प्रसार के लिए विशेष एकाउंट बनाए गए हैं, जिसमें वार्ड क्षेत्र के अधिकांश लोगों को जोड़ा गया है। फेसबुक में नियमित तौर पर समर्थन देने, वोट देने की अपील की जा रही है और क्षेत्र में समग्र विकास के वादे भी किए जा रहे हैं।
निगरानी तंत्र ही नहीं
निर्वाचन आयोग की ओर से कट आउट, बैनर, होर्डिंग्स, पोस्टर आदि के जरिये होने वाले खर्च की सीमा भले ही तय कर ली गई हो, लेकिन सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार के नियंत्रण पर कोई व्यवस्था नहीं है। गत नगरीय निकाय व पंचायतीराज चुनावों में भी प्रशासन द्वारा चेतावनी जरूर जारी की गई, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई होने की सूचना नहीं मिली।
खर्च सीमा 40 हजार
नगरीय निकाय पार्षद चुनाव के तहत प्रत्याशियों के लिए अधिकतम 40 हजार रुपए की खर्च सीमा तय है। इससे पहले खर्च सीमा 10 हजार रुपए तय थी। हालांकि अघोषित तौर पर चुनावी प्रचार प्रसार का खर्च दो से पांच लाख रुपए तक पहुंचता है।
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