छह महीने से वीरान पड़ा हॉस्पिटल, इलाज के लिए भटक रहे हैं ग्रामीण

5:45 PM Rajsamand Blog 0 Comments

कुंभलगढ़पंचायत समिति के अंटालिया पंचायत के कुंवारिया स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते पिछले छह महीने से वीरान पड़ा है। ऐसे में ग्रामीण इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। यहां डॉक्टर सहित अन्य सभी पद खाली पड़े होने से स्वास्थ्य केंद्र पर हरदम ताला लगा रहता है। जबकि पूर्व में यहां पर एएनएम मंजू गुर्जर को संविदा पर लगा रखा था। लेकिन उनकाे यहां से अंटालिया में लगा दिया। इसके बाद से ही ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हॉस्पिटल में पिछले 6 महीने से चिकित्सक, कंपाउंडर, नर्सिंग के पद रिक्त पड़े है। उप स्वास्थ्य केंद्र बंद होने से इलाज के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है। कई बार ग्रामीणों को 10 किमी दूर पैदल अंटालिया जाना पड़ता है।

ग्रामीण कालू सिंह, भैरूलाल सेन, नंदलाल, भगवत सिंह, मांगीलाल का कहना हैं कि सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्र तो खुलवा दिया लेकिन चिकित्सकों को नहीं लगाया। ऐसे में पिछले 6 महीने से उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ है।

^कुंवारिया उप स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त पदों की जानकारी हैं। रिक्त पदों की सूची सीएमएचओ राजसमंद भेज रखी है। वहीं पूर्व में लगाई गई एएनएम को अब नियमित कर दिया है। राजसमंद से रिलीव करने के बाद सप्ताह भर में रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। डॉ.प्रहलाद सिंह, बीसीएमएचओ, कुंभलगढ़

गजपुर . अनदेखी के चलते विरान पड़ा कुंवारिया का उप स्वास्थ्य केंद्र।

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बहुमत भाजपा का, अब चुनौती चेयरमैन की ताजपोशी

5:38 PM Rajsamand Blog 0 Comments

नगरपरिषद चुनाव में अंदरूनी उखाड़ पछाड़ के बावजूद भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिलाकर पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी ने केवल अपनी साख बचा ली, बल्कि विरोधियों को छका भी दिया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद वे अपने करीबी और सभापति के प्रमुख दावेदार सत्यप्रकाश काबरा को नहीं जिता पाई। चुनाव परिणाम में सबसे चर्चित नतीजा काबरा की हार ही रहा। काबरा के हारने पर अब सभापति के लिए भाजपा के सामने सुरेश पालीवाल और उत्तम कावड़िया के नामो सबसे ऊपर हैं।

राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि ब्राह्मण समाज काे प्रतिनिधित्व दिया जाता है तो लगातार दो चुनाव में सर्वाधिक वोटों से जीत रहे सुरेश पालीवाल को सभापति बनाया जा सकता है और जैन समुदाय काे प्रतिनिधित्व दें तो उत्तम कावडि़या का नाम तय हो सकता है। इस बीच पांचवीं बार जीते निवर्तमान उपसभापति अर्जुन मेवाड़ा दूसरी बार पार्षद बने राजेश पालीवाल भी भाजपा से सभापति की दौड़ में हंै। और उन्होंने अपने स्तर पर लॉबिंग शुरू कर दी है। कांग्रेस में सीटों को लेकर स्पष्ट बहुमत नहीं है फिर भी पार्टी ने अशोक टांक के नाम पर सहमति बनाई है। कांग्रेस के 12 पार्षद जीतकर आए हैं। लेकिन पार्टी के नेता 14 पार्षदों के अपनी तरफ होने का दावा कर रही है। कांग्रेस बोर्ड बनाने के लिए भाजपा से भी चार पार्षदों को अपनी तरफ मिलाने की जुगत में है।

भाजपाइयोंने ही कर दिया काबरा का बंदोबस्त : जीतनेपर काबरा का सभापति बनना तय माना जा रहा था। इसी में सभापति पद के बाकी संभावित दावेदारों के समर्थकों ने इसी वार्ड में भितरघात का बंदोबस्त कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काबरा को अयोग्य प्रत्याशी प्रचारित किया। पालिका उपाध्यक्ष रहते जनता से दूरी भी हार का कारण रही। इससे कांग्रेस उम्मीदवार अशोक टांक की राहें आसान हो गईं।

अबतक 15 पालिकाध्यक्ष, छह बार ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष

राजसमंदमें नगर पालिका के लिए अब तक 15 पालिकाध्यक्षों में से 6 बार पालीवाल समाज के चेयरमैन बने हैं। साल 1995 से महेश पालीवाल से लेकर आशा पालीवाल तक अशोक रांका को छोड़कर पालीवाल समाज के अध्यक्ष बनते आए हैं।

अलग-अलगवार्डों से जीते देवर-भाभी: नगरपरिषद चुनाव में वार्ड 30 31 से देवर भाभी ने चुनाव जीता है। वार्ड 30 से निर्दलीय प्रत्याशी हेमंत रजक 31 से कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता धोबी रिश्ते में सगे देवर-भाभी है। दोनों ने चुनाव जीता है।

राजसमंद। राजसमंद नगर परिषद चुनाव में राजकीय बालकृष्ण विद्या भवन उच्च माध्यमिक विद्यालय मतगणना केंद्र के बाहर चुनाव के नतीजे जानने के लिए बालकृष्ण स्टेडियम में उमड़े शहरवासी।

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Rajsamand Sightseeing

11:04 AM Rajsamand Blog 0 Comments

17 Rajsamand Sightseeings ranked by traveller

Sri Dwarkadhish Temple Rajsamand

1)Ranked 1 of 17 Places in Rajsamand
       6.1 / 7     4 Ratings & 2 Reviews
Shree Chhapariya Bheru Mandir

2)Ranked 2 of 17 Places in Rajsamand
Sanwaria Seth Temple

3)Ranked 3 of 17 Places in Rajsamand
Rameshwar Mahadev Ji Mandir

4)Ranked 4 of 17 Places in Rajsamand
Neelkanth Mahadev Mandir

5)Ranked 5 of 17 Places in Rajsamand
Kalka Mata Ka Mandir

6)Ranked 6 of 17 Places in Rajsamand
Hanuman Mandir

7)Ranked 7 of 17 Places in Rajsamand
Gayatri Shaktipeeth

8)Ranked 8 of 17 Places in Rajsamand
Annapurna Mata Ka Mandir

9)Ranked 9 of 17 Places in Rajsamand
Akhil Bhartiya Namdev Chhipa Samaj Vithal Namdev Mandir

10)Ranked 10 of 17 Places in Rajsamand
Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

11)Ranked 11 of 17 Places in Rajsamand
Kankroli

12)Ranked 12 of 17 Places in Rajsamand
Lake Pichola

13)Ranked 13 of 17 Places in Rajsamand
Rajsamand Lake

14)Ranked 14 of 17 Places in Rajsamand
       7.0 / 7
1 Rating
Haldi Ghati

15)Ranked 15 of 17 Places in Rajsamand
Chetak Tomb

16)Ranked 16 of 17 Places in Rajsamand
Arsi Vilas

17)Ranked 17 of 17 Places in Rajsamand

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Rajsamand Reviews

5:44 AM Rajsamand Blog 0 Comments

i am Rajput Bhamsa...i am form rajsamand also this lake is soo near to me...i recommended everyone to visit this lake once in life. This lake was made by Maharana raj singh ji. The ruler of Mewar. this lake has natural beauty ever i have seen....this lake is also famous by its dam called "No- chowki" pal. In the North side of this lake part is called Irrigation wall... there are a temple called "Dwarkadish mandir" of Lord Vishnu situated to bank of this lake...its huge lake of asia's 2nd mithe pani ki lake.This lake was made on "Gomti River".

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राजसमन्द नगर परिषद चुनाव का रिजल्ट

9:42 PM Rajsamand Blog 0 Comments

राजसमन्द नगर परिषद चुनाव का  रिजल्ट
बीजेपी   
कांग्रेश    
निर्दली     
वार्ड 1  शारदा कुमावत 1 मत
वार्ड 2 नारायण लाल सुथार 59
वार्ड 3  रेखा गाडरी
वार्ड 4- देविका निष्कलंक
वार्ड 5 - विजय जैन
वार्ड 6 - जाया माली
वार्ड 7  - उत्तम कावड़िया
वार्ड 8 - राजकुमार पहाड़िया
वार्ड 9  - अशोक टांक
वार्ड 10 - मोहन कुमावत
वार्ड 11 - खुसकमल
वार्ड 12- सुरेश पालीवाल
वार्ड 13 - जगदीश पालीवाल
वार्ड 14 - प्रकाश कुमावत
वार्ड 15 - लक्षमी कुंवर
वार्ड 16 - शिशुपाल
वार्ड 17 - कुलदीप पुरबिया
वार्ड 18 - राजेश पालीवाल
वार्ड 19  - भूरालाल कुमावत
वार्ड 20 - दीपक शर्मा
वार्ड 21 - ललिता कुमावत
वार्ड 22 - अर्जुन मेवाड़ा
वार्ड 24 - प्रकाश गमेती
वार्ड 25 - हेमन्त गुर्जर
वार्ड 26 - कुश्लेन्द्र दाधीच
वार्ड 27 - रोहित पंचोली
वार्ड 28 - राजकुमारी
वार्ड 29- नीलोफर
वार्ड 30  हेमंत रजक
वार्ड 31  विनीता
वार्ड 32 रवि गर्ग
वार्ड 33 ब्रजेश पालीवाल
वार्ड 34 हिम्मत मेहता
वार्ड 35 सिमा खत्री

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Rajsamand nagar parishad election results

8:30 PM Rajsamand Blog 0 Comments

राजसमन्द के नगर परिषद् चुनाव के नतीजे कुछ इस तरह है।
भाजपा को  35 वार्ड में से 21 वार्ड में विजय मिली है ।

कोंग्रेस को 35 वार्ड में से 12 वार्ड में विजय मिली है ।

निर्दलीय को 35 वार्ड में से 2 वार्ड में विजय मिली है।

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अशोक टांक नगर परिषद् के वार्ड नंबर 9 से जीते

7:40 PM Rajsamand Blog 0 Comments

अशोक टांक को वार्ड नंबर 9 से जीते है। अशोक टांक का जितना तो तय था उनके साथ युवोक सपोर्ट और जनता का साथ था ।
rajsamandblog अशोक जी टांक को हार्दिक बधाई देती है।

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कानून समझे, जिन्दगी को बचाए

7:12 AM Rajsamand Blog 0 Comments

राजसमंद। जिला कलक्टर कैलाशचंद्र वर्मा ने कहा कि यातायात व परिवहन नियमों को समझकर पूर्ण पालना करें, तो कई लोगों की जान बच सकती है। इसके लिए हर वाहन चालक रफ्तार पर नियंत्रण की जरूरत है। उन्होंने खुद के साथ परिवार, मित्रों को ट्रेफिक नियमों की पालना के लिए पे्ररित व प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।

वे जिला सूचना केन्द्र परिसर में प्रशासन, पुलिस व परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सड़क सुरक्षा सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा सप्ताह का मुख्य उद्देश्य सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा हो और वह जागरूक रहकर अन्य की सुरक्षा भी करें।

जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विष्णुकान्त ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मार्च तक 20 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य है, जिसके लिए पुलिस के तहत हर शख्स की सहभागिता होगी, तभी पूर्ण सफलता संभव है। इससे पूर्व अतिरिक्त जिला कलक्टर बृजमोहन बैरवा ने भी यातायात व परिवहन नियमों की वाहन चालकों द्वारा व्यवहारिक तौर पर अवहेलना के बारे में बताया। जिला परिवहन अधिकारी ओपी बैरवा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि सप्ताह के दौरान 1300 वाहनों के चालान बनाए गए और नौ हजार वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाकर यातायात नियमों की जानकारी दी गई। सप्ताह में 16 0 चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण व 2 नेत्र चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी किया गया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रतनू, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित, डीएसपी माधुरी वर्मा आदि थे।

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अवाप्ति के बदले आबादी में भूखंड की मांग

7:08 AM Rajsamand Blog 0 Comments

राजसमंद| / कुंवारिया के रेलवे स्टेशन निवासियों ने कलेक्टर कैलाशचंद वर्मा को फोरलेन में गए आबादी भवन के बदले आबादी भूखंड पेयजल सप्लाई करवाने के लिए ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि मेला ग्राउंड के सामने 100 मकानों की बस्ती होते हुए भी पानी की भारी किल्लत है। राजसमंद-भीलवाड़ा फोरलेन निकलने के कारण पाइप लाइन फूट गई है। इस लाइन को 4 इंच के बजाय 6 इंच डालकर पेयजल सप्लाई चालू करने, अवाप्ति के बदले आबादी भूखंड की भी मांग की। इस दौरान शाहीन बानू, मुबारिक, सलीम सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।

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मंत्री की बाड़ेबंदी में सांसद की अखाड़ेबंदी का अब तक भी पेंच

7:05 AM Rajsamand Blog 0 Comments


पीएचईडीमंत्री किरण माहेश्वरी की बाड़ेबंदी से चार पार्षदों को अलग कर चुके सांसद हरिओमसिंह गुट की अखाड़ेबंदी का तीसरे दिन भी तोड़ नहीं निकाला जा सका। चुनाव के नतीजों से पहले ही सभापति पद के लिए भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने गई है। बड़े नेताओं में टकराव को लेकर शुरू हुई यह कलह राजसमंद भाजपा की गल फांस बन गई है। अब पार्टी के पदाधिकारी भी पार्षद उम्मीदवारों में दो खेमे होने की बात मान रहे हैं। परिषद चुनाव के परिणाम शुक्रवार को जाएंगे। ऐसे में अब सिर्फ एक दिन शेष रहते नाराज अलग हुए चार पार्षदों उम्मीदवारों को वापस लौटाना टेढ़ी खीर हो गया है। पिछले चुनावों में हार से सबक ले चुकी कांग्रेस ने इस बार एकजुटता दिखाई है। लेकिन अभी यह जाहिर नहीं है कि उनका प्रदर्शन कैसा रहा है। जानकारों के अनुसार पीएचईडी मंत्री माहेश्वरी का धड़ा सत्यप्रकाश काबरा को सभापति बनाने के पक्ष में है लेकिन सांसद हरिओम सिंह राठौड़ का धड़ा जगदीश पालीवाल को समर्थन कर रहा है। कुछ प्रत्याशी भी काबरा को सभापति बनाने के पक्ष में नहीं बताए जाते हैं। इधर, पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में गुटबाजी को लेकर बाते हो रही हैं। ...

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वार्षिक पुरुस्कार वितरण समारोह उमंग 2016

6:54 AM Rajsamand Blog 0 Comments

उमंग 2016

सेठ रंगलाल कोठारी राजकीय स्नातकोर महाविधालय, राजसमन्द का वार्षिक पुरुस्कार वितरण समारोह दिनांक 30 जनवरी 2016, शनिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे द्वारकेश वाटिका, बस स्टैंड, कांकरोली में रखा गया हें।
अतः सभी महाविधालय के विद्याथियों से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या मई पधारे।

मुख्य अतिथि:- श्री कैलाशचंद्र वर्मा, जिला कलेक्टर, राजसमन्द

विशिष्ठ अतिथि:- श्री रमेश मेवाड़ा, J.C. ग्रुप संरक्षक, राजसमन्द
श्री दिनेश पूरी गोस्वामी (समाजसेवी)
श्री विवेक कटारा,
श्री अभिमन्युसिंह झाला,
श्री हिमांशु चौधरी

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BOX OFFICE: 5 दिन.. 5 फिल्में.. 'एयरलिफ्ट' से किया अक्षय कुमार ने धमाका!

7:42 PM Rajsamand Blog 0 Comments

अक्षय कुमार और निमरत कौर स्टारर फिल्म 'एयरलिफ्ट' रिलीज हो चुकी है। फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। पांचवें दिन यानि की गणतंत्र दिवस के दिन फिल्म ने 17.80 करोड़ का बिजनेस किया है।

Airlift (U/A): झट से बुक करें अपनी टिकट! कोई शक नहीं कि फिल्म अब 100 करोड़ कल्ब में एंट्री लेगी। लेकिन उससे पहले बता दें कि 5 दिनों में एयरलिफ्ट अक्षय कुमार की पिछली पांच फिल्मों में सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बन गई है।

एयरलिफ्ट

एयरलिफ्ट ने 5 दिनों में 72.50 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। कोई शक नहीं कि फिल्म 100 करोड़ कल्ब में एंट्री लेने वाली है।

सिंह इज ब्लिंग

अक्षय कुमार की फिल्म सिंह इज ब्लिंग ने 5 दिनों में 68.10 करोड़ का कलेक्शन किया था।

ब्रदर्स

सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ फिल्म ब्रदर्स में अक्षय कुमार को लोगों ने काफी पसंद किया था। 5 दिनों में फिल्म ने 63.42 करोड़ की कमाई की थी।

गब्बर इज बैक

अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर इज बैक ने पांच दिनों में 52.25 करोड़ का कलेक्शन किया था। हालांकि अक्षय कुमार के हिसाब से यह काफी कम कमाई थी।

बेबी

पिछले साल जनवरी में रिलीज फिल्म बेबी ने पांच दिनों में 57.97 करोड़ की कमाई की थी। काफी उम्मीद थी कि फिल्म 100 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

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वर्ग विभेद की भाषा व योजनाएं

7:36 PM Rajsamand Blog 0 Comments

मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और अब स्टार्ट अप इंडिया। ऐसा लगता है मानो भारत पूरी तरह से इंडिया बनकर ही दम लेगा। यह वर्तमान समय की भारी विडंबना है कि एक स्वतंत्र सार्वभौम देश अपनी तमाम भाषाओं को भूलकर उस भाषा पर फिदा हुए जा रहा है जो भारत को अपना उपनिवेश बना लेने वालों की भाषा थी। हमें अंग्रेजी भाषा से कोई एतराज नहीं है बल्कि उस भाषा के समृद्ध साहित्य को हम विश्व धरोहर मानते हैं। किन्तु जब वही भाषा देश को दो वर्गों में बांटने का औजार बन जाए तो चिंता होना स्वाभाविक है। यह विडंबना उस समय और गहरी हो जाती है जब हम देखते हैं कि जो राजनीतिक वर्ग बात-बात में मैकाले को धिक्कारता था आज उसी के शासनकाल में उपरोक्त नामकरण हो रहे हैं।

हमें यह देखकर कौतुक भी होता है कि मोदीराज आने के बाद जो लोग संस्कृत का गुणगान करने से नहीं थकते थे आज उन उत्साहियों को कहीं कोई भाव नहीं मिल रहा।
इस विडंबना का एक और रूप भी है। पिछले दो-तीन दशकों में हमने धीरे-धीरे कर शब्दों के संक्षिप्तिकरण अथवा एक्रोनिम को व्यवहार में लाने का रास्ता चुन लिया है। यह काम स्वाभाविक ढंग से नहीं हुआ है। इस देश के अंग्रेजीदां नौकरशाहों द्वारा जानबूझ कर संस्थाओं, कार्यक्रमों और योजनाओं के नाम इस ढंग से रखे जा रहे हैं कि उनका पूर्णता में प्रयोग संभव ही न हो तथा मजबूर होकर संक्षिप्त संज्ञाओं का उपयोग करना पड़े। इसके कारण तथाकथित रूप से अधिक पढ़े और कम पढ़ों के बीच एक खाई पैदा होते जा रही है। आप देश की अस्सी फीसदी आबादी के सामने कोई योजना लेकर जाते हैं और संक्षिप्त नाम से समझाते हैं। ऐसे में आम नागरिक पूरे नाम से परिचित न होने के कारण उसके उद्देश्य को कभी भी पूरी तरह से समझ नहीं पाता। ये दूसरी बात है कि सुनने में ये नाम लुभावने लगते हैं मसलन नीति आयोग या मुद्रा बैंक।
इन दिनों आप यदि अखबारों को देखें और उनमें छपी सरकारी विज्ञप्तियों को तो ऐसी कितनी ही संक्षिप्त संज्ञाओं से आप रूबरू हो सकते हैं। जो पत्रकार इन समाचारों को बनाते हैं वे भी नहीं जानते कि इनका अर्थ और प्रयोजन क्या है। कहने का आशय यह कि भाषा जिसका प्रमुख काम संवाद स्थापित करना है, लोगों के बीच आपसी समझ बढ़ाना है, वही भाषा वर्ग विभेद पैदा करने का कारक बनते जा रही है। सच तो यह है कि इस देश का शासक वर्ग यही चाहता है। यहां शासक वर्ग से हमारा आशय मुख्यत: नौकरशाहों से है। यह भी एक विपर्यय है कि भारत में जनतांत्रिक राजनीति का जैसे-जैसे विकास हो रहा है वैसे-वैसे ही सत्तातंत्र पर नौकरशाही का शिकंजा और मजबूत होते जा रहा है। आज की राजनीति तात्कालिक लाभ पर केन्द्रित हो गई है और उसमें लोभी, लालची राजनेताओं का मार्गदर्शन चतुर, चालाक नौकरशाह करने लगे हैं। ये भी खुश, वे भी खुश। नौकरशाहों को जनता से कोई लेना-देना नहीं और जिन्हें जनता से लेना-देना है वे पांच साल का लाइसेंस लेकर मदमत्त हुए चलते हैं।
देश के प्रधानमंत्री भाषण देने की कला में निष्णात हैं। कभी-कभी लगता है कि अगर वे अभिनय जगत में गए होते तो वहां उनसे बढ़कर प्रतिभाशाली कोई और सिद्ध न होता। प्रधानमंत्री पिछले दो साल से लगातार चुनावी मनोदशा में ही हैं। वे देश-विदेश में कहीं भी पुरानी सरकार की खिल्ली उड़ाने से बाज नहीं आते। उन्होंने चुनाव के पूर्व बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं, लेकिन अब वे जनता से समय मांगने लगे हैं। दिल्ली के सिंहासन पर बैठकर उन्हें देश की वास्तविकताओं का अनुमान कुछ बेहतर तरीके से लग रहा होगा। इसके बावजूद उनकी सरकार का जैसा कामकाज चल रहा है उसे देखकर कई बार ऐसी शंका होती है कि उनके हाथ-पैर बंधे हुए हैं। वे संघ परिवार के गणों द्वारा जनतांत्रिक मूल्यों की निरंतर हो रही हत्या पर मौन साधे रहते हैं। दूसरी ओर वे जो कार्यक्रम और योजनाएं दे रहे हैं उनमें से अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनियों तथा पूंजी बाजार द्वारा प्रवर्तित की गई प्रतीत होती हैं। इस तरह दोनों तरफ से देश में वर्गभेद लगातार पनप रहा है।
यूपीए के दौरान भाजपा द्वारा कांग्रेस का बहुत उपहास किया जाता था। यह कहा जाता था कि मनमोहन सिंह कठपुतली प्रधानमंत्री हैं जबकि सत्ता के वास्तविक सूत्र श्रीमती सोनिया गांधी के हाथों केन्द्रित है। कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाना तो मानो फैशन ही बन गया था और है। फिर भी उस दौर के टीवी पर अनगिनत दृश्य दर्शकों को स्मरण होंगे कि सोनिया गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह के साथ शिष्टाचार बरतने में हमेशा आवश्यक सावधानी बरती। उन्हें जब भी बात करना हुई तो वे स्वयं प्रधानमंत्री निवास तक गईं तथा पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के अलावा कभी भी उन्होंने मुख्य आसंदी ग्रहण नहीं की। लेकिन इस सरकार में क्या हो रहा है यह लोग दैनंदिन देख रहे हैं। संघ कार्यालय से बुलावा आता है और बड़े-बड़े मंत्री वहां हाजिरी लग

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वार्नर ने हार के बाद साथियों से कहा.

7:21 PM Rajsamand Blog 0 Comments

मेलबोर्न। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शुरूआती चार मैच गंवाने के बाद अब भारत फॉर्म में लौट आया है। टीम इंडिया ने पांचवां व अंतिम वनडे जीतने के बाद मंगलवार को तीन मैचों की सीरीज का पहला टी20 मुकाबला भी अपने नाम कर लिया। भारत की ओर से विराट कोहली ने तो नाबाद 90 रन की लाजवाब पारी खेली ही, लेकिन गेंदबाजों ने भी काफी अनुशासन दिखाया। कंगारू टीम की हार के बाद उनके ओपनर डेविड वार्नर ने साथी बल्लेबाजों को नसीहत दी है। वार्नर ने हार के लिए बल्लेबाजों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मेजबान टीम को भारतीय स्पिनर्स के खिलाफ समझदारी से खेलने के साथ बडे स्टेडियमों का पूरा फायदा उठाना होगा।

वार्नर ने कहा कि बीच के ओवरों में हमारे में से कई खिलाडियों ने बडे शॉट खेलने की कोशिश की और ऑस्ट्रेलिया के बडे मैदान का पूरा फायदा नहीं उठाया। मुझे लगता है कि भारत में आप बाउंड्री लगाने की कोशिश में आउट होने से बच सकते हो क्योंकि मैदान थोडे छोटे होते हैं और फील्डर बल्ले के करीब होते हैं इसलिए आपको अपने शॉट पर अधिक फायदा मिलता है। लेकिन निश्चित तौर पर हमारी बल्लेबाजी में बेसिक्स की कमी दिखी और बडे मैदान पर दो रन बनाने की कोशिश करना है।

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A 'smart' accelerator pedal that alerts if the driver is wasting fuel

8:11 AM Rajsamand Blog 0 Comments

Bosch's latest creation is an accelerator pedal that provides haptic feedback through the driver's foot if he or she is being too heavy on fuel.
One of the reasons that a car's quoted fuel consumption figures and the actual number of miles it manages to a gallon of fuel can be so disparate has nothing to do with software cheat devices. It's usually because no two people drive in exactly same way. And, according to Bosch, the difference between having a foot made of feathers and one made of lead is responsible to up to 25 per cent of a vehicle's fuel use.
So to accelerate drivers' understanding of when to press on and when to lift off in order to conserve fuel, it has built a "smart" pedal.
"The Bosch active pedal helps drivers save fuel -- and alerts them to potentially dangerous situations as well," said Stefan Seiberth, president of the Gasoline Systems division of Robert Bosch GmbH.
Gentle haptic feedback like that used on navigation touch screens so that drivers know they've made contact without taking their eyes off the road makes it clear when the line between rapidity and irresponsibility is being crossed. "The pedal tells the driver when the economy and acceleration curves intersect," explains Seiberth.
What's more, if the pedal is fitted to a car with the latest-generation sensors and assistance systems, it can also serve as an early warning system, prompting the driver if a bend is approaching and the car is currently traveling too quickly. It can also alert the driver if, for instance they're accidentally traveling the wrong way along a stretch of road or if there is an obstacle over the horizon. All through vibration.
There are less high-tech ways of cutting fuel consumption but they usually require an eco driving course and take time to develop into habits. Bosch claims that the active pedal alone is enough to cut both fuel consumption and CO2 emissions by 7 per cent.
But that's just the start. If fitted to a hybrid vehicle, the pedal can prompt the driver as to the best time to coast -- i.e., roll without power from the combustion engine -- and can also give an alert when the combustion engine is needed again so that accelerator pressure can be increased accordingly for a smooth transition from electric to petrol/diesel power.

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Lenovo launches Vibe X3 with HD audio, 21MP rear camera at Rs 19,999 in India

3:56 AM Rajsamand Blog 0 Comments

Aimed at the three senses- touch, sight, and smell, Lenovo has finally unveiled its Vibe X3 smartphone today.
The Lenovo Vibe X3 has a slightly curved design and features a 5.5-inch FHD IPS wide view display with PerfectView, which the company claims offers 100 per cent colour reproduction.
At its heart is a Qualcomm Snapdragon 808 chipset coupled with 3GB of RAM. It comes with 32 GB of internal storage which is expandable up to 128 GB via microSD card.
Another highlight is the phone’s sound. The Lenovo Sound offers HD Audio which is claimed to be the world’s highest quality audio output on a phone ever. Lenovo has added three operational amplifiers to the high-quality DAC for powerful sound output. It further encompasses stereo speakers with Dolby Atmos. The phone automatically switches between HD to voice audio for phone calls and vice versa.

The Vibe X3 is based on Lenovo’s own Vibe UI layered above stock Android Lollipop 5.1, which is said to be the lightest and fastest custom UI available.
On the camera front, the Lenovo Vibe X3 features a 21 megapixel rear camera coupled with an 8 megapixel front snapper. The camera comes with slow-mo, time lapse, and 4K recording capabilities.
The phone draws its juice from a 3500mAh battery with USB OTG support for reverse charging.
Other enhancements include a rear fingerprint sensor, NFC support, in-built Theatre Max, and support for 4G+ - which means it can support two 4G SIMs.
The phone will start selling from January 28 at 2 PM onwards exclusively on Amazon for a price of Rs 19,999.
The company also introduced its Lenovo Skullcandy Ando headphones with built-in microphone and remote for Rs 1,299.

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Nepal protesters face tough choice, give up or march on Kathmandu

3:23 AM Rajsamand Blog 0 Comments

Nepal's constitutional crisis has entered a new and potentially dangerous stage as protesters, exhausted by a five-month blockade that has paralysed most of the border with India, weigh whether to change tactics and march on the capital.
Talks to accommodate the demands of southern lowlanders in the Himalayan nation broke down last week. In renewed clashes, police shot dead three demonstrators, stoking fears of an escalation of violence in which more than 50 people have died.
Protesters from the minority Madhesi community, many with close ties to Indians across the border, now face a tough choice: either accept that provincial borders may be drawn that would divide them, or raise the stakes, by gathering in force in Kathmandu to wrest a unified homeland from the government.
"Look at the youths who have been protesting, at how many have been killed by bullets to the head or chest," said Uday Kant Mishra, a member of the Federal Socialist Forum, one of the groups in the Madhesi Front that is spearheading the agitation.
"The rulers are showing us that this is a state that has no concern for the Madhesi community," he said adding that some Madhesis "may decide to pick up a gun and fight back".
The protests have exposed flaws in Prime Minister Narendra Modi's "neighbourhood first" policy. Indian misreadings of Nepali sensibilities have eroded goodwill gained when Modi visited Kathmandu after winning power in 2014, and from India's swift response to devastating earthquakes in 2015.
Many in Nepal accuse their giant neighbour of imposing a blockade to pressure Kathmandu into giving in to the demands of the Madhesis, whose largest protests in border towns have drawn crowds of up to 10,000, media have reported.
India denies those claims and has stepped up coordination with Nepali customs to divert imports away from the fulcrum of the protests, the border town of Birgunj.
This has relieved pressure on Kathmandu, but failed to keep Madhesi leaders at the negotiating table.
SMUGGLING TO SURVIVE
People use backroads from the border in Nepal's eastern districts of Jhapa, Morang and Dhanusha to bring in petrol and cooking oil. Such journeys have become routine as supplies remain scarce and expensive.
"People are tired," Ram Chandra Sharma, a physics teacher in the city of Biratnagar, just over the border from India's eastern state of Bihar, told Reuters. "People have got to think about how they are going to eat."
Protesters are still camped out on the Friendship Bridge that runs through no-man's land from Birgunj to India, stopping goods from entering Nepal and sporadically battling police in and around the city.
Laxman Lal Karna, a senior leader of the Sadbhavana Party, another member of the Madhesi Front, said the groups were discussing how best to ramp up the agitation.
Leaders were considering reoccupying major border crossings, Karna said, besides mobilising up to 100,000 supporters in Kathmandu, where anger at Prime Minister KP Oli's government is growing over shortages of food and fuel.
A decision was likely within a week or two, he added.
But it was unclear if such large numbers of people could surmount Nepal's severe transport disruptions to reach the capital.
The number of protesters sleeping at the Friendship Bridge has meanwhile dropped to around 30, because of sharpening winter cold.
In the bustling city centre of Birgunj, most shops were open, as jeeps and buses once again trickle north to Kathmandu.
"We know the blockade is affecting people's lives," said Jagat Narayan Prasad Yadav, a Madhesi Front leader. "But unless we can put pressure on the leaders in Kathmandu, we will never achieve full rights for our community."

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आग लगने से जल गई घास की ढेरियां, बाद में पाया आग पर काबू

3:19 AM Rajsamand Blog 0 Comments

गोगुंदा. ।
सुरखंड का खेड़ा में बुधवार को सुबह करीब 10 बजे मोड़ीलाल पटेल के घर के पिछवाड़े बने बाड़े में आग लग गई। आग लगने से यहां रखी करीब दो ट्रेक्टर घास, 1 ट्रेक्टर लकडिय़ां जल कर खाक हो गईं। धुआं उठने पर लोगों को आग का पता चला और उन्होंने मकानमालिक को सूचित किया।

इसके बाद सभी ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने से 20 हजार का नुकसान बताया गया है। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया।

इधर, झल्लारा के कल्याणा गांव में सोमवार शाम को  खलिहान में आग लगने से 3 ट्रेक्टर घास व करीब चार बोरी ग्वार की फसल जल गई। घटना के अनुसार, देवराम जोशी के घर के पिछवाड़े बने बाड़े के ऊपर से गुजर रही 11 केवी विद्युत लाइन के आपस में टकराने से निकली चिंगारी से खलिहान में आग लग गई। बाद में इसे बुझा दिया गया।

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