रेलमगरा दुग्ध समिति की जमीन पर किया कब्जा
राजसमंद ।
रेलमगरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की रेलमगरा में गिलूंड मार्ग स्थित बेशकीमती जमीन पर सरस डेयरी का पार्लर लगाकर वहां व्यवसाय किया जा रहा है। जबकि समिति अवसायनाधीन है और इसकी कोई सक्षम मंजूरी सहकारिता विभाग से जारी नहीं हुई है। बीस साल से निष्क्रिय रेलमगरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की यह जमीन पार्लर के लिए निजी हाथों में देने से खुर्द-बुर्द हो रही है।
रेलमगरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति बीस वर्ष से निष्क्रिय है और गिलूंड मार्ग पर इसका भवन खाली पड़ा था। कई वर्षों से समिति के निष्क्रिय रहने पर सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2005 में अवसायन के आदेश देकर इसकी कार्रवाई शुरू की गई। जिसके तहत तत्कालीन निरीक्षक छोगालाल वीरवाल को अवसायक नियुक्त किया गया। तब से ही अवसायन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इसके बावजूद उदयपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के उत्पादों की बिक्री का पार्लर खोल दिया गया। समिति की भवन का पार्लर के रूप में उपयोग करने से पहले समिति को सक्रिय नहीं बनाया गया।
समिति के नाम है अब भी पट्टा
रेलमगरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के नाम उक्त जमीन का पट्टा है। सहकारी समितियां राजसमंद के उप रजिस्ट्रार कार्यालय में यह पंजीकृत भी है।
समिति न पूरी तरह अवसायन में गई है और न ही इसे सक्रिय बनाने की कोई कार्रवाई हुई। निष्क्रिय समिति के सदस्य व लोगों की क्षमता के आधार पर अवसायक द्वारा सहकारी सोसायटी नियम 2003 के नियम 8 1 (11) के अंतर्गत प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर समिति को पुनर्जीवित करने का प्रावधान भी पूरा नहीं हो सका। समिति के आय व्यय का ब्यौरा विभाग में उपलब्ध नहीं है और न ही सदस्य ध्यान दे रहे हैं।
रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी जरूरी
निष्क्रीय समिति को बंद करने के लिए विभाग द्वारा अवसायक नियुक्त किया जाता है, जो समिति तत्कालीन अध्यक्ष, व्यवस्थापक व सदस्यों से सारा रिकॉर्ड जब्त करता है। बकाया वसूली, बकाया भुगतान की कार्रवाई करते हुए शेष बैलेंस राशि को सहकारिता विभाग के बैंक खाते में जमा करवाने और भवन व अचल सम्पत्ति क्षेत्र की किसी अन्य समिति को सुपुर्द करने का प्रावधान है। भवन लेने वाली समिति व भवन देने के लिए विभाग को प्रस्ताव दिए जाते हैं और दोनों तरफ से लिखित सहमति बनने पर ही भवन किसी समिति को दी जा सकती है। भवन या भूखंड के विक्रय या आवंटन की कार्रवाई भी रजिस्ट्रार ही कर सकता है। इसके लिए अवसायक को प्रस्ताव देना पड़ता है।
सरपंच से करवा दिया उद्घाटन
रेलमगरा समिति के भवन में उदयपुर दुग्ध उत्पादक संघ के सरस पार्लर का उद्घाटन भी आनन फानन में रेलमगरा सरपंच निशा जाट के हाथों करवा दिया गया। इससे भी कई सवाल खड़े हो गए। क्योंकि पहले दुग्ध संघ उदयपुर के अध्यक्ष गीता पटेल के हाथों उद्घाटन होने की चर्चा थी। इसके चलते क्षेत्रीय लोगों ने भी आपत्ति की।
समिति की जमीन
रिकॉर्ड के मुताबिक रेलमगरा दुग्ध सहकारी समिति अब भी अवसायनाधीन है। पंजीयन भी निरस्त नहीं हुआ है। भवन अब भी समिति यानि विभाग का है। जहां किसी द्वारा खोला गया पार्लर गलत व अवैध है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।-भगवतीलाल सोनी, उप रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग राजसमंद
संघ को दी जमीन
रेलमगरा समिति निष्क्रिय होने पर अवसायन के लिए संघ ने सहकारिता विभाग को लिखा था। कई वर्षों पहले ही अवसायन होकर जमीन संघ को दे दी। फिर भी ऐसा है तो दिखवाया जाएगा।
नटवर सिंह, प्रबंध निदेशक, उदयपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड उदयपुर
संघ ने खोला पॉर्लर
संघ ने पार्लर खोला है। जमीन शायद संघ की ही है। अवसायन हुआ या नहीं, रिकॉर्ड, दस्तावेज का मामला विभाग व संघ के उच्चाधिकारियों के स्तर का मामला है।
पकंज व्यास, रूट सुपरवाइजर सरस डेयरी
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