प्रतिनियुक्ति से मुखौटे बदलने का खेल

6:52 PM Rajsamand Blog 0 Comments

राजसमंद ।

शिक्षण व्यवस्था के नाम पर जरूरतमंद स्कूलों में शिक्षकों की आपूर्तितो समझ में आती है, लेकिन अगर कहीं चहेतों को प्रतिनियुक्ति देने के लिए स्थायी शिक्षकों को हटा दिया जाए, तो पूरा मामला संहेद के घेरे में आ जाता है। चहेतों को पसंदीदा स्कूल में प्रतिनियुक्ति देने का ऐसा ही खेल प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने आमेट में खेला है।

सेठ तख्तमल कच्छारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आमेट स्टेशन में हुए गड़बड़झाले में यहां के दो स्थायी शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर ग्रामीण क्षेत्र में अन्यत्र लगा दिया गया और स्कूल व्यवस्था बहाली के लिए 5 शिक्षक-शिक्षिकाओं को शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति पर लगाकर स्कूल की पूरी बागडोर ही उन्हें सौंप दी। 

यह उतावलापन इतना ज्यादा था कि स्कूल में नामांकन के मुकाबले शिक्षकों की जरूरत भी नहीं देखी गई।  उनके लिए जगह बनाने की फिक्र में विद्यालय के दो स्थायी शिक्षकों को यहां से हटा दिया गया। हैरत की बात यह है कि विद्यालय में नामांकन सिर्फ 96 विद्यार्थी का ही है। यानि कि 20 से भी कम विद्यार्थीपर एक शिक्षक पढ़ाने का काम करेगा।

फिर कैसे सुधरेगी व्यवस्था?

व्यवस्था बहाली के नाम पर प्रतिनियुक्ति का खेल खेलने वाले जिम्मेदार शिक्षण व्यवस्था बदहाल होने की दुहाई दे रहे हैं। यहां 96 बच्चों पर मात्र दो शिक्षक थे, वहां  की शिक्षण व्यवस्था गड़बड़ाना लाजिमी है।

स्थायी से ज्यादा प्रतिनियुक्त पर मेहरबानी

ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब स्थायी शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लगाने के बाद विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्था अन्यत्र स्थान से प्रतिनियुक्ति पर लाए गए शिक्षकों के भरोसे छोड़ी गई। 

विद्यालय के स्थायी शिक्षक देवी सिंह राठौड़ को प्राथमिक विद्यालय बरजाल ग्राम पंचायत साकरड़ा एवं शंभू सिंह तंवर को उच्च प्राथमिक विद्यालय जाटिया खेड़ा ग्राम पंचायत पनोतिया में भेज  दिया गया है।

अपने मतलब की शिक्षण व्यवस्था!

वै से शिक्षण व्यवस्था के नाम पर प्रतिनियुक्तियों में धांधली  कोई नई बात नहीं है, लेकिन आमेट के बीईईओ ने तो इस बार कमाल ही कर दिया। ऐसे स्कूल में पांच शिक्षकों पर प्रतिनियुक्ति की मेहरबानी कर दी, जहां छात्रों की संख्या सौभी नहीं है। वहां लगे स्थायी शिक्षकों को हटाकर विभाग क्या करना चाहता था, यह भी समझ से परे है। 

आमतौर पर ऐसे खेल अपने चहेतों को मनपसंद जगह पर नौकरी की छूट देने के लिए खेला जाता है। इस बार तो विभाग ने हद ही कर दी। पांचों शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर लगा दिए। यह शिक्षण व्यवस्था से ज्यादा अपने मतलब का इंतजाम लगता है। इस तरह के आदेश निकालकर महकमे के अधिकारी पहले से खराब छवि को और धुमिल ही कर रहे हैं।

इन्हें लगाया आमेट में

सिद्दीक मोहम्मद प्राथमिक विद्यालय डेकवाड़ा ग्राम पंचायत साकरड़ा से, संतोष सैनी उच्च प्राथमिक विद्यालय माणकदेह ग्राम पंचायत राछेटी से, मुन्नी सैनी उच्च प्राथमिक विद्यालय जाटिया खेड़ा ग्राम पंचायत पनोतिया से, प्रभा महावर उच्च प्राथमिक विद्यालय भोपजी का खेड़ा ग्राम पंचायत लिकी से, रेखा शर्मा उच्च प्राथमिक विद्यालय लोडिय़ाणा वाड़ा पंचायत लोडिय़ाणा को व्यवस्था के नाम पर सेठ तख्तमल कच्छारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आमेट में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया। एसटीसी उत्र्तीण सद्दीक मोहम्मद को कार्यवाहक संस्था प्रधान बनाकर स्कूल की पूरी बागडोर ही सौंप दी गई।

शिक्षण व्यवस्था सुधारनी थी

 शहर का स्कूल था। यहां की शिक्षण व्यवस्थाएं गड़बड़ थीं। हमने पांच अध्यापकों को कुछ दिनों के लिए यहां लगाया है, जिसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं। स्कूल में शिक्षण व्यवस्था सुधरी है।

शिवराज सिंह शक्तावत, बीईईओ, आमेट

 अगर ऐसा है तो गलत है, मैं पता करवाता हूं कि ऐसा किसके आदेश पर हुआ है।

युगल बिहारी दाधीच, 

जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक), राजसमंद

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