ये हैं दुनिया के रहस्य, वैज्ञानिक भी कर रहे माथापच्ची

5:09 AM Rajsamand Blog 0 Comments

इंटरनेशनल डेस्क. कैलिफोर्निया की डेथ वैली में पत्थरों के खिसकने का राज क्या है? रूस के मॉस्को में खुदाई के वक्त मिले उस तीन हजार साल पुराने लोहे के पेंच के पीछे क्या रहस्य छिपा हुआ है? इसके अलावा प्राचीन मेक्सिकन शहर में आर्किटेक्ट ने क्या सोचकर अभ्रक (माइका) की शीट से इमारत की दीवारें बनाई थीं? दुनिया से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिनसे पर्दा उठना जरूरी है। वैज्ञानिक भी इसको लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। वैसे इन अबूझ रहस्यों पर लंबे अरसे से चर्चा होती आ रही है। पर बात वहीं की वहीं रह गई। आइए जानते हैं दुनिया के ऐसे 13 अबूझ रहस्यों के बारे में, जिन पर नासा के वैज्ञानिक भी सोचने पर मजबूर हो गए।

 

पत्थर का ढांचा
सहारा रेगिस्तान में दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य पत्थरों से बना ये स्ट्रक्चर है। 1973 में पुरातत्व शास्त्री पहली बार यहां पहुंचे थे। 1998 में प्रोफेसर फ्रेड वैंडोर्फ की टीम ने पत्थरों के इस स्ट्रक्चर का अध्ययन किया तो पता चला कि ये करीब 6000 साल ईसा पूर्व में बनाया गया है।

 
नाब्टा प्लाया में मिले पत्थर के स्ट्रक्चर पर रिसर्च करने से पता चला है कि ये खगोल शास्त्र और ज्योतिष से संबंधित थे। सवाल ये है कि इतनी शताब्दियों पहले उन लोगों ने इतना विकास कैसे कर लिया था। तब वे इसका इस्तेमाल किस तरह करते थे? ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

विचित्र लकीरों की आकृति
 
तस्वीर में दिख रही ये लकीरें, 40 डिग्री 27'28.56 उत्तर और 93 डिग्री 23'24.42 पूर्व दिशा में देखी गई हैं। इस डिजाइन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। ये लकीरें चीन के गानसू शेंग के रेगिस्तान में बनी हुई हैं। इंग्लिश में इसे 'चीनी मोजैक लाइन्स' कहा जाता है। कुछ आंकड़े बताते हैं कि 2004 में इन लकीरों को खींचा गया था। अहम बात ये है कि ये लकीरें मोगाओ की गुफा के आसपास बनाई गई हैं। जिसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा हासिल है। दिलचस्प पहलू यह भी है कि चट्टान ऊबड़-खाबड़ होने के बावजूद लकीरें लंबे अरसे से बिल्कुल सीधी हैं।
पत्थर की गुड़िया
 
1889 में ईदाहो के नाम्पा में एकदम से वैज्ञानिकों का रूझान बढ़ गया। वजह थी, खुदाई के दौरान मिली पत्थर की गुड़िया। इसे मानव द्वारा बनाया गया है। पत्थर की ये गुड़िया 320 फीट की गहराई में खुदाई के दौरान मिली थी। इसे देख तब अंदाजा लगाया गया कि दुनिया में मानव जाति के अस्तित्व में आने के बाद शायद इस गुड़िया को बनाया गया होगा। हालांकि, पर्दे के पीछे की सच्चाई अभी भी अबूझ रहस्य बनी हुई है।

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