नारी शक्ति के सामने शराब के राक्षस को झुकना ही पड़ेगा : मुनि भूपेन्द्र
काछबलीमें शराब के ठेके बंद कराने की मुहिम पर जैन मुनि भुपेन्द्र कुमार ने कहा कि नशे के विरोध में महिलाओं का खड़ा होना एक सुखद आश्चर्य से कम नहीं हैं। इस आन्दोलन को देख कर महात्मा गांधी का डांडी मार्च, विनोबा भावे का भूदान, आचार्य तुलसी का अणुव्रत आन्दोलन का दृश्य आंखों के सामने तैरने लग जाता है। महिलाएंं यदि प्रतिबद्ध होकर खड़ी हो जाएं तो चाहे कितनी ही भयानक भयावह परिस्थितियां हो उसको झुकना नमना पड़ता है। महिलाए या तो जागती नहीं हैं यदि जाग जाए तो पूरे परिवार समाज राष्ट्र को जागृत करके ही दम लेती है। काछबली की नारी शक्ति के सामने बुराई रूपी राक्षस को झुकना ही पड़ेगा आज नहीं तो कल।
उन्होंने आश्चर्य के साथ कहा क्या यह वही देश है क्या महात्मा गांधी का, जो गांधी विलायत पढ़ने जाने से पूर्व एक शपथ लेकर गए थे, मैं नशे का सेवन प्रयोग नहीं करुंगा। एक संकल्प ने मोहन को महात्मा गांधी के रूप मे सारे संसार मे प्रतिष्ठित कर दिया और आज उस नशे ने बालकों को एक निवाले के लिए मोहताज बना दिया। काछबली की महिलाएं अपनी भावी पीढ़ी के लिए यदि जागृत हुई है तो यह एक नया आलेख हैं। उन्होंने कहा कि विघटन कारी नशे रूपी राक्षस से समाज को बचाने के लिए तो क्या उन वीरांगनाओं का हौंसला बढ़ाने के लिए प्रत्येक जागरूक नागरिक को आगे आना चाहिए। हमारा एक सदविचार नवनिर्माण की पुकार बन सकती है। आचार्य तुलसी ने मानवीय एकता स्वस्थ समाज संरचना के लिए अणुव्रत आन्दोलन का आविष्कार किया। मुनि ने भास्कर के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि भास्कर सामाजिक सरोकार, जनता से जुड़े मुद्दों पर हमेशा आगे रहा है।
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