ठेकों के विरोध में 51 और सरकार चुनने के लिए 30 प्रतिशत वोटिंग का नियम

1:16 PM Rajsamand Blog 0 Comments


नशाजिंदगी का नाश कर देता है। उन परिवारों के लिए ज्यादा जहां रोजी-रोटी चलाने वाला इकलौता कमाऊ ही नशे का आदी हो। काछबली की महाबली महिलाओं को इसीलिए तो पंचायत को शराब ठेका मुक्त करवाने की मुहिम छेड़नी पड़ी।

यहां कई परिवार नशे की लत के ऐसे आदी हुए कि उनके परिवार उजड़ गए। बच्चों की पढ़ाई छूट गई। महिलाएं बे-समय विधवा हो गई और बच्चे अनाथ। कुछ परिवारों में तो नशे की लत से कमाऊ की अकाल मौत ने बीवी-बच्चों पर परिवार चलाने के लिए संकट खड़ा कर दिया है। शराब की लत से परिवार ही नहीं उजड़े बल्कि अपराध भी बढ़ रहे हैं। भीम क्षेत्र में तो अधिकांश अपराधों का कारण शराब ही रही है। राजसमंद जिले में भी नशे की हालत में हुए अपराधों की संख्या दूसरे कारणों से ज्यादा है। शराब पीने से कमाऊ की मौत के बाद पीछे परिवारों पर दु:खों के पहाड़ टूटने के कुछ उदाहरण तो ऐसे हैं जो आपको झकझोर देंगे।

भास्कर यहां आपको बता रहा है नशे की लत से परिवार बर्बाद होने की कहानी,अपराध और हादसों के बढ़ते आंकड़े,नशे के नुकसान और साथ में ऐसे उदाहरण भी जहां नशा छोड़ने से परिवार में खुशियां लौट आई। कुछ ऐसे लोग जो खुद तो नशा छोड़ ही चुके हैं,अब अपने आसपास के लोगों में भी इसके लिए जागरूकता ला रहे हैं। जिले में कुछ ऐसी संस्थाएं हैं,जो स्कूलों में छात्रों को शराबंदी के लिए शपथ दिलवा रही है। इधर,सरकारी स्तर पर नशा मुक्ति करवाने के प्रयास कम ही नजर आते हैं।

जनता को बहलाने वाला कानून

^यहतो जनता को बहलाने के लिए बना कानून लगता है। कुल मतदाताओं का 51 प्रतिशत मतदान विरोध में होने पर शराब की दुकान बंद होगी,ऐसे नियम का होना ना होना एक जैसा है। इसमें बदलाव होना ही चाहिए।-कैलाशचंद्र अग्रवाल,डायरेक्टर नारायण सेवा संस्था

जनता के साथ होना चाहिए नियम

^यहनियम तो अव्यवहारिक है। कभी बना होगा ऐसा नियम,लेकिन जनता विरोध कर रही है तो नियम बदलना ही चाहिए।-बीपीशर्मा,अध्यक्ष पेसिफिक यूनिवर्सिटी

बदलाव होना चाहिए

^शराबकी दुकान बंद कराने के लिए 51 प्रतिशत वोटिंग का नियम बिलकुल गलत है। लॉ में कमी है,जिसमें बदलाव करना चाहिए। लोग जागरूक हैं,सही आवाज उठा रहे हैं। सरकार नहीं चाहती कि लोगों की जायज मांग को मानकर शराब की दुकान बंद करें।-निखिलडे,सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता

सरकार तो 30 प्रतिशत वोटिंग में बनती हैं

^51प्रतिशत बहुत ज्यादा वोटिंग का नियम है। 30 प्रतिशत वोटिंग में तो सरकारें बन जाती हैं। सरकार तो शराब की दुकानें कराना चाहती ही नहीं है,तभी ऐसा नियम बनाया है। उन्हें तो रेवेन्यु मिल रहा है। कोई काम ही ना करना चाहें तो ऐसी कंडिशन रख दो कि पूरी ही ना हो पाए। कुछ ऐसा ही इस नियम से हो रहा है। बिलकुल,इस नियम में बदलाव होना ही चाहिए।-आभामिश्रा,एनजीओ

महिला मुख्यमंत्री ही नहीं कर रही सुनवाई

^राजसमंदमें महिलाएं जागरूक हैं जो शराब की दुकान के विरोध में मतदान कर रही हैं। हैरानी है कि प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी जागरूक महिलाओं की सुनवाई नहीं हो रही है। जनप्रतिनिधियों को इनकी मदद करनी चाहिए और शराब की दुकान बंद करानी चाहिए। सरकार जनहित में काम चाहती ही नहीं है,तभी ऐसा 51 प्रतिशत वोटिंग का नियम बनाया है। इसे बदलना चाहिए।-डॉ.गिरिजा व्यास,पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय महिला आयोग

डॉक्टर कहते हैं,शराब छोड़ो वरना यह जिंदगी छुड़वा देगी

^शराबमें एसीटाइल अल्कोहल होता है। यह पेट को खराब करती है। लीवर को नुकसान पहुंचाती है। लीवर में सूजन जाती है,यह सिकुड़ जाता है। इसे(सिरोसिस आॅफ लीवर)कहते हैं। ब्रेन पर असर डालती है। बिहेवियर चेंज जाते हैं। जहरीली शराब मिथाइल अल्कोहल होने से बन जाती है। इसके सेवन से लोग मर जाते हैं। पारिवारिक झगड़े और सामाजिक समस्याएं नशे के कारण ही उत्पन्न होती है। निर्धन तबके की आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है। इसे लत बना चुके लोगों को नशामुक्ति केंद्र पर संपर्क कर धीरे-धीरे कर इसे छोड़ने की आदत डालना चाहिए।-डॉ.सीएल डूंगरवाल,पीएमओआरके अस्पताल

शराब के नशे में बेसुध थे तभी तो हुए ये मामले

}अपराध:नशेमें कितने हुए

}हत्या:15:

}झगड़े-मारपीट:300

}अवैध शराब के दर्ज केस:700

}अवैध शराब पकड़ी:10लाख की

}सड़क हादसे:300

}इनमें मरने वाले:125

}घायल हुए:500

}नशे में गाड़ी चलाते पकड़े:104लोगों को।(लाइसेंस निलंबन प्रक्रिया में)

केस 1.काछबलीमेडिया चौड़ा निवासी भगवानसिंह। दो साल पहले शराब छोड़ दी। अब आर्थिक स्थ

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