सड़क पर उतरे शिक्षक, सीएम के पुतले की अर्थीयात्रा निकाली
महिलाओं ने पकड़ी हांडी
राजसमंद। स्थायीकरण करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के पुतले जलाते शिक्षक। (इनसेट)शवयात्रा के आगे महिला शिक्षा हाड़ी लेकर चलती हुई।
साल2012-13 में नियुक्त शिक्षकों ने वेतन, नियमित करने की मांग पर जिला शिक्षक संघर्ष समिति की अगुवाई में गुरुवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। शिक्षक मुख्यमंत्री की प्रतीकात्मक अर्थीयात्रा के साथ नारेबाजी करते हुए शहर में निकले। इनमें आगे महिला शिक्षक हांडी थामे शामिल हुई। पुरानी कलेक्ट्री के पास नगर परिषद कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। इससे पहले शिक्षकों ने अर्थी पर जूते बरसाए तो रोने-बिलखने का हास्य करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री सांसद के नाम ज्ञापन कार्यवाहक कलेक्टर बृजमोहन बैरवा को सौंपा गया।
सुबह बड़ी संख्या में शिक्षक मुखर्जी चौराहा पहुंचे। यहां से शिक्षक सफेद टोपी लगाकर जुलूस के रूप में रवाना हुए। शिक्षकों में अपनी मांगों को नहीं मानने पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री मौजूदा सरकार के खिलाफ आक्रोश देखा गया। भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए रैली मुखर्जी चौराहा से जेके मोड़, चौपाटी, पुराना बस स्टैंड, जलचक्की, नगर परिषद के सामने पहुंची और यहां पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया।
यहहै प्रमुख मांगे : ज्ञापनके अनुसार प्रदेश में 40 हजार ग्रेड थर्ड में शिक्षकों की भर्ती सितंबर 2012 में की गई थी। राज्य सरकार की अन्य सेवाओं, शिक्षा विभाग के सेवा नियमों के अनुसार प्रथम नियुक्ति के पश्चात दो साल की प्रोबेशन अवधि संतोषजनक रूप से पूर्ण कर लेने के बाद किसी भी कर्मचारी का वेतन नियमितिकरण, स्थाईकरण किया जाता है। लेकिन दो साल का परिवीक्षा काल बिना किसी अवरोध के संतोषजनक पूर्ण होने के बाद सवा तीन साल बाद भी शिक्षकों का वेतन, नियमितिकरण नहीं हुआ और ही स्थाईकरण हुआ है। वर्तमान में महज 13 हजार 200 रुपए के वेतन में काम करना पड़ रहा है। सभी शिक्षकों का स्थायीकरण शीघ्र करने, सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से दायर एसएलपी के तहत ग्रेड थर्ड श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में जारी विज्ञप्ति के अनुसार पक्ष रखवाकर शिक्षक हित में फैसला करवाकर हजारों शिक्षकों, उनके पीडि़त परिवारों को राहत प्रदान करवाने की मांग की है।
राजसमंद। स्थायीकरण करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के पुतले जलाते शिक्षक। (इनसेट)शवयात्रा के आगे महिला शिक्षा हाड़ी लेकर चलती हुई।
साल2012-13 में नियुक्त शिक्षकों ने वेतन, नियमित करने की मांग पर जिला शिक्षक संघर्ष समिति की अगुवाई में गुरुवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। शिक्षक मुख्यमंत्री की प्रतीकात्मक अर्थीयात्रा के साथ नारेबाजी करते हुए शहर में निकले। इनमें आगे महिला शिक्षक हांडी थामे शामिल हुई। पुरानी कलेक्ट्री के पास नगर परिषद कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। इससे पहले शिक्षकों ने अर्थी पर जूते बरसाए तो रोने-बिलखने का हास्य करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री सांसद के नाम ज्ञापन कार्यवाहक कलेक्टर बृजमोहन बैरवा को सौंपा गया।
सुबह बड़ी संख्या में शिक्षक मुखर्जी चौराहा पहुंचे। यहां से शिक्षक सफेद टोपी लगाकर जुलूस के रूप में रवाना हुए। शिक्षकों में अपनी मांगों को नहीं मानने पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री मौजूदा सरकार के खिलाफ आक्रोश देखा गया। भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए रैली मुखर्जी चौराहा से जेके मोड़, चौपाटी, पुराना बस स्टैंड, जलचक्की, नगर परिषद के सामने पहुंची और यहां पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया।
यहहै प्रमुख मांगे : ज्ञापनके अनुसार प्रदेश में 40 हजार ग्रेड थर्ड में शिक्षकों की भर्ती सितंबर 2012 में की गई थी। राज्य सरकार की अन्य सेवाओं, शिक्षा विभाग के सेवा नियमों के अनुसार प्रथम नियुक्ति के पश्चात दो साल की प्रोबेशन अवधि संतोषजनक रूप से पूर्ण कर लेने के बाद किसी भी कर्मचारी का वेतन नियमितिकरण, स्थाईकरण किया जाता है। लेकिन दो साल का परिवीक्षा काल बिना किसी अवरोध के संतोषजनक पूर्ण होने के बाद सवा तीन साल बाद भी शिक्षकों का वेतन, नियमितिकरण नहीं हुआ और ही स्थाईकरण हुआ है। वर्तमान में महज 13 हजार 200 रुपए के वेतन में काम करना पड़ रहा है। सभी शिक्षकों का स्थायीकरण शीघ्र करने, सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से दायर एसएलपी के तहत ग्रेड थर्ड श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में जारी विज्ञप्ति के अनुसार पक्ष रखवाकर शिक्षक हित में फैसला करवाकर हजारों शिक्षकों, उनके पीडि़त परिवारों को राहत प्रदान करवाने की मांग की है।
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